5 Mistakes You Should Avoid While Buying Life Insurance

5 Mistakes You Should Avoid While Buying Life Insurance

Robin Talks Finance

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लाइफ इंश्योरेंस आपके और आपके परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल आपको मानसिक शांति देता है, बल्कि आपके न होने पर आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय की गई छोटी-छोटी गलतियाँ आपके परिवार के लिए बड़ा नुकसान बन सकती हैं? इस ब्लॉग में हम उन पांच सबसे बड़ी गलतियों के बारे में बात करेंगे, जो लोग लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय करते हैं, और साथ ही बताएंगे कि इनसे कैसे बचा जाए।


5 Mistakes You Should Avoid While Buying Life Insurance


गलती नंबर 1: इंश्योरेंस का मतलब न समझना

कई लोग लाइफ इंश्योरेंस को निवेश का साधन समझ लेते हैं, जो कि एक बड़ी भूल है। लाइफ इंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा है, न कि रिटर्न कमाना। लोग अक्सर ट्रेडिशनल प्लान्स जैसे एंडोमेंट या यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) खरीद लेते हैं, क्योंकि कोई एजेंट उन्हें लुभावने वादे करता है, जैसे "आपके पैसे वापस मिल जाएंगे।" लेकिन इन प्लान्स में प्रीमियम ज्यादा होता है और कवर कम।

उदाहरण: मान लीजिए, राहुल ने 25 साल की उम्र में एक यूलिप प्लान लिया, जिसमें उसे हर साल 2 लाख रुपये प्रीमियम देना था और कवर था 1 करोड़ का। अगर उसने इसके बजाय एक टर्म इंश्योरेंस लिया होता, तो उसे सिर्फ 10,000-15,000 रुपये सालाना प्रीमियम देना पड़ता और उतना ही कवर मिलता। बाकी पैसे वह म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर अच्छा रिटर्न कमा सकता था।

समाधान: हमेशा टर्म इंश्योरेंस चुनें, जो कम प्रीमियम में ज्यादा कवर देता है। निवेश और इंश्योरेंस को अलग रखें।

गलती नंबर 2: एजेंट पर आँख मूंदकर भरोसा करना

भारत में कई लोग अपने रिश्तेदारों या परिचित एजेंट्स पर भरोसा करके बिना सोचे-समझे पॉलिसी खरीद लेते हैं। एजेंट्स अक्सर ज्यादा कमीशन वाले प्लान्स बेचने की कोशिश करते हैं, जो आपके लिए सही नहीं हो सकते।

उदाहरण: प्रिया ने अपने पड़ोसी, जो एक इंश्योरेंस एजेंट थे, की सलाह पर एक पॉलिसी खरीदी। उसने पॉलिसी के दस्तावेज़ भी नहीं पढ़े। बाद में उसे पता चला कि उसका कवर सिर्फ 10 लाख का है, जबकि प्रीमियम 50,000 रुपये सालाना था। अगर उसने ऑनलाइन रिसर्च की होती, तो वह कम प्रीमियम में ज्यादा कवर ले सकती थी।

समाधान:

  • ट्रस्ट करें, लेकिन वेरिफाई करें। अपने एजेंट से सवाल पूछें, जैसे कवर कितना है, प्रीमियम की अवधि क्या है, और क्लेम प्रक्रिया क्या है।

  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध पॉलिसी तुलना टूल्स का उपयोग करें।

  • IRDAI (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की वेबसाइट पर पॉलिसी की पूरी जानकारी चेक करें।

गलती नंबर 3: अंडर-इंश्योरेंस करना

कई लोग प्रीमियम बचाने के चक्कर में कम कवर वाली पॉलिसी ले लेते हैं, जिसे अंडर-इंश्योरेंस कहते हैं। इससे आपके परिवार को जरूरत के समय पर्याप्त आर्थिक मदद नहीं मिल पाती।

उदाहरण: अमित की सालाना आय 10 लाख रुपये है, और उसने 20 लाख का इंश्योरेंस लिया, क्योंकि उसे लगा कि यह काफी है। लेकिन अगर वह नहीं रहा, तो उसके परिवार को 20 लाख रुपये से सिर्फ 2-3 साल का खर्च चल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आपके इंश्योरेंस कवर को आपकी सालाना आय का 10-15 गुना होना चाहिए।

समाधान:

  • अपनी आय, खर्चों, कर्ज, और भविष्य के लक्ष्यों (जैसे बच्चों की पढ़ाई, शादी) को ध्यान में रखकर कवर तय करें।

  • ऑनलाइन कैलकुलेटर्स का उपयोग करें, जो आपकी जरूरतों के हिसाब से सही कवर सुझाते हैं।

  • समय-समय पर अपनी पॉलिसी की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर कवर बढ़ाएं।

गलती नंबर 4: राइडर्स को नजरअंदाज करना

राइडर्स अतिरिक्त लाभ हैं, जो आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को और मजबूत बनाते हैं। ये आपकी विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। कुछ प्रमुख राइडर्स हैं:

  • क्रिटिकल इलनेस राइडर: यह गंभीर बीमारियों (जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, या किडनी फेल्योर) के लिए एकमुश्त राशि देता है, जिससे इलाज और अन्य खर्चों में मदद मिलती है।

  • एक्सीडेंटल डेथ राइडर: अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु दुर्घटना में होती है, तो यह अतिरिक्त कवर प्रदान करता है, जो बेसिक कवर के अतिरिक्त होता है।

  • डिसएबिलिटी राइडर: अगर कोई दुर्घटना या बीमारी के कारण स्थायी अक्षमता हो जाती है, तो यह नियमित आय या एकमुश्त राशि प्रदान करता है, ताकि आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकें।

लोग अक्सर राइडर्स को लेने से बचते हैं, क्योंकि इससे प्रीमियम थोड़ा बढ़ जाता है। लेकिन ये राइडर्स मुश्किल समय में बहुत काम आते हैं।

उदाहरण: नेहा ने एक टर्म इंश्योरेंस लिया, लेकिन क्रिटिकल इलनेस राइडर नहीं लिया। जब उसे एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, तो उसकी आय बंद हो गई, और परिवार को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी। अगर उसने क्रिटिकल इलनेस राइडर लिया होता, तो उसे इलाज और खर्चों के लिए एकमुश्त राशि मिलती।

समाधान:

  • क्रिटिकल इलनेस राइडर और एक्सीडेंटल डेथ राइडर जैसे महत्वपूर्ण राइडर्स को अपनी पॉलिसी में शामिल करें।

  • अपने बजट और जरूरतों के हिसाब से राइडर्स चुनें।

  • ऑनलाइन तुलना करके सही राइडर का चयन करें।

गलती नंबर 5: पॉलिसी के दस्तावेज़ न पढ़ना

लाइफ इंश्योरेंस लेते समय लोग जल्दबाजी में पॉलिसी के दस्तावेज़ नहीं पढ़ते। इससे उन्हें पॉलिसी की महत्वपूर्ण शर्तें समझ नहीं आतीं, जैसे:

  • प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज: अगर आप पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं (जैसे डायबिटीज या हाइपरटेंशन) और इसे पॉलिसी लेते समय घोषित नहीं करते, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।

  • वेटिंग पीरियड: कुछ पॉलिसीज़ में क्रिटिकल इलनेस या अन्य लाभों के लिए 1-2 साल का वेटिंग पीरियड होता है। अगर इस दौरान क्लेम किया जाता है, तो वह रिजेक्ट हो सकता है।

  • क्लेम रिजेक्शन के नियम: कुछ शर्तें, जैसे सुसाइड क्लॉज़ या विशिष्ट परिस्थितियों में क्लेम न मिलना, पॉलिसी में स्पष्ट लिखी होती हैं। इन्हें न पढ़ने से क्लेम रिजेक्शन का खतरा बढ़ता है।

उदाहरण: रवि ने एक पॉलिसी ली और बिना पढ़े साइन कर दिया। बाद में जब उसके परिवार ने क्लेम किया, तो पता चला कि पॉलिसी में एक वेटिंग पीरियड था, जिसके कारण क्लेम रिजेक्ट हो गया। अगर रवि ने दस्तावेज़ पढ़े होते, तो वह सही पॉलिसी चुन सकता था।

समाधान:

  • पॉलिसी के दस्तावेज़ को ध्यान से पढ़ें, खासकर क्लेम रिजेक्शन से जुड़ी शर्तें।

  • अपने एजेंट से हर शर्त को समझने के लिए सवाल पूछें।

  • अगर कुछ समझ न आए, तो ऑनलाइन रिसर्च करें या किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।

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निष्कर्ष और अगला कदम

लाइफ इंश्योरेंस आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा की नींव है। सही पॉलिसी चुनकर और इन पांच गलतियों से बचकर आप अपने प्रियजनों के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि कहां से शुरू करें, तो ऑनलाइन लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की तुलना करें और अपनी जरूरतों के हिसाब से सही प्लान चुनें।

अभी एक्शन लें:

  • अपनी जरूरतों का आकलन करें और टर्म इंश्योरेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करें।

  • फ्री सलाह के लिए विश्वसनीय प्लेटफॉर्म्स से संपर्क करें।

  • हमारी वेबसाइट पर अन्य फाइनेंशियल टिप्स और गाइड्स पढ़ें।



📌 लाइफ इंश्योरेंस से जुड़े आम सवाल-जवाब (FAQ)

💡 लाइफ इंश्योरेंस को लेकर अक्सर लोग गलतफहमी या बेसिक जानकारी की कमी के कारण गलत निर्णय ले लेते हैं। यहां हमने 7 महत्वपूर्ण प्रश्न (और उनके उत्तर) दिए हैं, ताकि आप सही पॉलिसी चुन सकें और गलतियों से बच सकें।

🟢 प्रश्न 1: क्या लाइफ इंश्योरेंस एक निवेश है?
🔸 उत्तर: नहीं ❌। लाइफ इंश्योरेंस का असली उद्देश्य सुरक्षा (Protection) है, निवेश नहीं। इंश्योरेंस और निवेश को हमेशा अलग रखें। निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स/FD सही विकल्प हैं, जबकि इंश्योरेंस आपके परिवार की सुरक्षा के लिए होना चाहिए।

🟢 प्रश्न 2: क्या हमें एजेंट की सलाह पर आंख मूंदकर भरोसा करना चाहिए?
🔸 उत्तर: बिल्कुल नहीं। ✅ एजेंट आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन वे कमीशन वाले प्लान्स ज्यादा बेचते हैं। हमेशा पॉलिसी डॉक्यूमेंट पढ़ें, ऑनलाइन तुलना करें, और IRDAI वेबसाइट से जानकारी चेक करें।

🟢 प्रश्न 3: सही इंश्योरेंस कवर कितना होना चाहिए?
🔸 उत्तर: विशेषज्ञों के अनुसार, आपका कवर आपकी वार्षिक आय का 10-15 गुना होना चाहिए। इससे आपके परिवार को भविष्य में पढ़ाई, शादी और खर्च आसानी से पूरे करने में मदद मिलेगी।

🟢 प्रश्न 4: राइडर्स (Riders) क्यों जरूरी हैं?
🔸 उत्तर: राइडर्स आपकी पॉलिसी को और मजबूत बनाते हैं। जैसे:

💙 क्रिटिकल इलनेस राइडर – गंभीर बीमारी होने पर एकमुश्त राशि मिलती है।
💙 एक्सीडेंटल डेथ राइडर – दुर्घटना में मृत्यु होने पर अतिरिक्त सुरक्षा देता है।
💙 डिसएबिलिटी राइडर – दुर्घटना/बीमारी से अपंग होने पर आय का सहारा देता है।
इनसे प्रीमियम थोड़ा बढ़ता है, लेकिन ये कठिन समय में बहुत सहायक होते हैं।

🟢 प्रश्न 5: अगर पॉलिसी के डॉक्यूमेंट्स न पढ़ें तो क्या नुकसान हो सकता है?
🔸 उत्तर: अगर बिना पढ़े पॉलिसी ले ली, तो शर्तें (जैसे वेटिंग पीरियड, प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज, क्लेम रिजेक्शन नियम) न समझने की वजह से बाद में आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए डॉक्यूमेंट्स ध्यान से पढ़ना जरूरी है।

🟢 प्रश्न 6: अंडर-इंश्योरेंस (Under-Insurance) क्या है?
🔸 उत्तर: जब आप कम प्रीमियम बचाने के चक्कर में बहुत कम कवर लेते हैं, तो उसे अंडर-इंश्योरेंस कहते हैं। उदाहरण: सालाना आय 10 लाख है और केवल 20 लाख का कवर लिया। ऐसी स्थिति में यह कवर परिवार के लिए बहुत कम साबित होगा।

🟢 प्रश्न 7: सही लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने का पहला कदम क्या होना चाहिए?
🔸 उत्तर: सबसे पहले अपनी जरूरतों का आकलन करें – आय, खर्च, कर्ज और भविष्य के गोल्स (बच्चों की पढ़ाई, शादी)। फिर ऑनलाइन तुलना करके टर्म इंश्योरेंस और जरूरी राइडर्स चुनें। यह परिवार की सुरक्षा के लिए बेहतर रहेगा।

✨📌 निष्कर्ष: अगर आप इन 5 आम गलतियों (गलत प्लान लेना, एजेंट पर आंख मूंदकर भरोसा करना, अंडर-इंश्योरेंस, राइडर्स को नजरअंदाज करना, डॉक्यूमेंट्स न पढ़ना) से बचेंगे, तो सही लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के ज़रिये अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे।

📝 Life Insurance Quiz (10 Questions)

Score: 0 / 10

1. लाइफ इंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य क्या है?

परिवार को आर्थिक सुरक्षा देना
निवेश से ज्यादा रिटर्न पाना
रियल एस्टेट खरीदना
सिर्फ टैक्स बचाना

2. कौन-सा प्लान सबसे कम प्रीमियम में सबसे ज़्यादा कवर देता है?

टर्म इंश्योरेंस
यूलिप प्लान
एंडोमेंट प्लान
इन्वेस्टमेंट प्लान

3. लोग अक्सर लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय किस पर आँख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं?

एजेंट
बैंक
म्यूचुअल फंड्स
सरकारी नियम

4. अंडर-इंश्योरेंस का मतलब क्या होता है?

ज़रूरत से कम कवर लेना
ज़्यादा कवर लेना
कोई पॉलिसी न लेना
सिर्फ बच्चों के लिए लेना

5. विशेषज्ञों के अनुसार इंश्योरेंस कवर कितने गुना होना चाहिए?

10-15 गुना
3-5 गुना
5-7 गुना
20-25 गुना

6. क्रिटिकल इलनेस राइडर किस स्थिति में मदद करता है?

गंभीर बीमारियों के इलाज खर्च में
होम लोन चुकाने में
कार खरीदने में
म्यूचुअल फंड निवेश में

7. अगर पॉलिसी डॉक्यूमेंट नहीं पढ़े तो सबसे बड़ा जोखिम क्या होगा?

क्लेम रिजेक्ट होना
टैक्स न मिलना
पॉलिसी जल्दी खत्म होना
बोनस मिस होना

8. क्लेम रिजेक्ट होने का बड़ा कारण क्या है?

प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज छुपाना
ज्यादा प्रीमियम देना
राइडर शामिल करना
ऑनलाइन रिसर्च करना

9. एक्सीडेंटल डेथ राइडर का फायदा क्या है?

दुर्घटना में मृत्यु पर अतिरिक्त कवर
टैक्स छूट दोगुनी
कम प्रीमियम
बोनस बढ़ना

10. सही इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने का पहला कदम क्या होना चाहिए?

अपनी जरूरतों और लक्ष्यों का आकलन करना
एजेंट से तुरंत खरीदना
सबसे महंगी पॉलिसी लेना
दोस्त की पॉलिसी कॉपी करना

अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। लाइफ इंश्योरेंस खरीदने से पहले अपनी जरूरतों का आकलन करें और किसी योग्य फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। हम किसी विशिष्ट इंश्योरेंस कंपनी या प्रोडक्ट का प्रचार नहीं कर रहे हैं।

ABOUT THE AUTHOR

Robin Singh is a personal finance enthusiast with 5 years of experience in stock markets, loans, and insurance. Through Robin Talks Finance, he shares practical tips to help Indians make informed financial decisions. His insights come from hands-on experience and research from trusted sources like SEBI and RBI. Disclaimer: This content is for informational purposes only, not financial advice. Contact: inquiryrobinsingh@gmail.com

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