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विक्रान इंजीनियरिंग IPO 2025: प्रमुख तारीखें, मूल्य और निवेश संबंधी जानकारी
विक्रान इंजीनियरिंग IPO (Initial Public Offering) 2025 में निवेशकों के लिए एक शानदार अवसर लेकर आ रहा है। यह एक ऐसी कंपनी है जो इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रही है। अगर आप शेयर बाजार में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए है। यहाँ हम विक्रान इंजीनियरिंग IPO के हर पहलू को साधारण और बोलचाल की हिंदी में समझाएंगे, ताकि आप सही फैसला ले सकें। मैंने खुद कई IPOs में रिसर्च और निवेश का अनुभव लिया है, और यहाँ मेरा अनुभव आपके साथ साझा कर रहा हूँ। आइए, शुरू करते हैं!
विक्रान इंजीनियरिंग IPO क्या है?
विक्रान इंजीनियरिंग लिमिटेड, जो 2008 में स्थापित हुई, एक EPC कंपनी है जो पावर ट्रांसमिशन, वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे और सोलर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में काम करती है। इसका IPO 26 अगस्त 2025 को खुला और 29 अगस्त 2025 को बंद होगा। इस IPO के जरिए कंपनी ₹772 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें ₹721 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹51 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।
यह IPO BSE और NSE पर लिस्ट होगा, और इसकी संभावित लिस्टिंग तारीख 3 सितंबर 2025 है। कंपनी का फोकस सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स पर है, और इसने 14 राज्यों में 45 प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं, जिनकी कुल वैल्यू ₹1,919.92 करोड़ है।
IPO की मुख्य तारीखें और विवरण
विक्रान इंजीनियरिंग IPO की समय-सीमा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है:
IPO खुलने की तारीख: 26 अगस्त 2025
IPO बंद होने की तारीख: 29 अगस्त 2025
एलॉटमेंट की तारीख: 1 सितंबर 2025
रिफंड शुरू होने की तारीख: 2 सितंबर 2025
डिमैट में शेयर क्रेडिट: 2 सितंबर 2025
लिस्टिंग की तारीख: 3 सितंबर 2025
प्राइस बैंड: ₹92 से ₹97 प्रति शेयर
लॉट साइज: 148 शेयर
न्यूनतम निवेश (रिटेल): ₹14,356 (148 शेयर)
एंकर निवेशकों के लिए तारीख: 25 अगस्त 2025
यह IPO बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के तहत है, जिसमें रिटेल निवेशकों के लिए 35%, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए 50%, और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) के लिए 15% शेयर रिजर्व हैं।
कंपनी का बैकग्राउंड और प्रोजेक्ट्स
विक्रान इंजीनियरिंग लिमिटेड, जो 2008 में शुरू हुई, एक तेजी से बढ़ती EPC (Engineering, Procurement, and Construction) कंपनी है। इसने पिछले कुछ सालों में 32.17% की CAGR (Compound Annual Growth Rate) के साथ रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है, जो इसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है। कंपनी कई सेक्टर्स में काम करती है, और इसके प्रोजेक्ट्स भारत के बुनियादी ढांचे (infrastructure) को मजबूत करने में योगदान दे रहे हैं। आइए, इसके प्रमुख सेक्टर्स को विस्तार से समझते हैं:
1. पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन
विक्रान इंजीनियरिंग पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में 400kV तक के एक्स्ट्रा-हाई वोल्टेज (EHV) सबस्टेशन्स और व्यापक डिस्ट्रीब्यूशन सॉल्यूशन्स प्रदान करती है। यह सेक्टर बिजली की मांग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए सरकार के डीडीयूजीजेवाई (Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana) जैसे प्रोजेक्ट्स में कंपनी ने योगदान दिया है। यहाँ कंपनी सबस्टेशन्स बनाती है, ट्रांसमिशन लाइन्स बिछाती है, और बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत करती है। मेरे एक परिचित ने बताया कि उनके गाँव में हाल ही में बिजली की आपूर्ति स्थिर हुई, और इसमें ऐसी EPC कंपनियों का बड़ा योगदान था।
2. वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर
विक्रान इंजीनियरिंग वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर में अंडरग्राउंड वाटर डिस्ट्रीब्यूशन, सरफेस वाटर एक्सट्रैक्शन, और ओवरहेड टैंक्स जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। यह कंपनी जल जीवन मिशन जैसे सरकारी प्रोजेक्ट्स में शामिल है, जिसका उद्देश्य हर घर तक पानी पहुंचाना है। उदाहरण के लिए, राजस्थान के एक गाँव में कंपनी ने अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाकर पानी की सप्लाई सुनिश्चित की। ऐसे प्रोजेक्ट्स न सिर्फ सामाजिक विकास में मदद करते हैं, बल्कि कंपनी की ऑर्डर बुक को भी मजबूत करते हैं।
3. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर
रेलवे सेक्टर में, विक्रान इंजीनियरिंग रेलवे ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम, और स्टेशन डेवलपमेंट जैसे प्रोजेक्ट्स में योगदान देती है। भारत में रेलवे का विस्तार तेजी से हो रहा है, और कंपनी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में एक रेलवे प्रोजेक्ट में कंपनी ने इलेक्ट्रिफिकेशन का काम किया, जिससे ट्रेनों की गति और दक्षता बढ़ी।
4. सोलर एनर्जी
सोलर एनर्जी में कंपनी का फोकस सोलर EPC प्रोजेक्ट्स पर है। यह सोलर पावर प्लांट्स के डिजाइन, इंस्टॉलेशन, और मेंटेनेंस में काम करती है। भारत में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग बढ़ रही है, और विक्रान इस क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही है। मिसाल के तौर पर, गुजरात में एक सोलर प्रोजेक्ट में कंपनी ने 10 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया, जो स्थानीय बिजली जरूरतों को पूरा कर रहा है।
30 जून 2025 तक कंपनी की ऑर्डर बुक ₹2,442.44 करोड़ की थी, जिसमें से 61.73% सरकारी प्रोजेक्ट्स से है। यह दर्शाता है कि कंपनी का भविष्य स्थिर और मजबूत है, क्योंकि सरकारी प्रोजेक्ट्स में रेवेन्यू की गारंटी होती है।
IPO का उद्देश्य
विक्रान इंजीनियरिंग IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करेगी:
वर्किंग कैपिटल: ₹541 करोड़ का उपयोग कंपनी की वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए, जैसे कि कच्चा माल खरीदना और प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी।
जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्य: बाकी राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों, जैसे कि टेक्नोलॉजी अपग्रेड और मार्केटिंग, के लिए।
कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.58 है, जो दर्शाता है कि कंपनी का कर्ज स्तर नियंत्रित है और यह फंड का उपयोग प्रभावी ढंग से कर सकती है।
वित्तीय प्रदर्शन
विक्रान इंजीनियरिंग ने पिछले कुछ सालों में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। यहाँ इसके प्रमुख वित्तीय पहलुओं को विस्तार से समझते हैं:
रेवेन्यू (Revenue): FY 2025 में कंपनी का रेवेन्यू ₹922.36 करोड़ रहा, जो FY 2024 के ₹791.44 करोड़ से 17% ज्यादा है। यह ग्रोथ कंपनी के डायवर्सिफाइड प्रोजेक्ट्स और मजबूत ऑर्डर बुक का परिणाम है। उदाहरण के लिए, मेरे एक दोस्त ने बताया कि EPC कंपनियाँ जो सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम करती हैं, उनकी रेवेन्यू ग्रोथ स्थिर रहती है, क्योंकि पेमेंट्स समय पर मिलते हैं।
प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT): FY 2025 में कंपनी का PAT ₹77.82 करोड़ रहा, जो FY 2024 के ₹74.83 करोड़ से 4% ज्यादा है। यह दर्शाता है कि कंपनी न सिर्फ रेवेन्यू बढ़ा रही है, बल्कि अपने प्रॉफिट मार्जिन को भी बनाए रख रही है।
EBITDA: FY 2025 में कंपनी का EBITDA ₹160.24 करोड़ रहा, जो 17.50% का मार्जिन दर्शाता है। EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) कंपनी की ऑपरेशनल दक्षता को दर्शाता है। इसका मतलब है कि कंपनी अपने प्रोजेक्ट्स को कुशलता से मैनेज कर रही है।
नेट वर्थ: कंपनी की नेट वर्थ ₹467.87 करोड़ है, जो इसकी वित्तीय स्थिरता को दर्शाती है। नेट वर्थ कंपनी की कुल संपत्ति और देनदारियों का अंतर होती है, और यह निवेशकों को कंपनी की मजबूती का आकलन करने में मदद करती है।
ROE (Return on Equity): कंपनी का ROE 16.63% है। ROE यह दर्शाता है कि कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स की इक्विटी पर कितना रिटर्न दे रही है। 16.63% का ROE इंडस्ट्री औसत से बेहतर है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।
ROCE (Return on Capital Employed): ROCE 23.34% है, जो दर्शाता है कि कंपनी अपने पूंजी निवेश (कैपिटल) का उपयोग कितनी कुशलता से कर रही है। यह मेट्रिक कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी और मैनेजमेंट की दक्षता को मापता है।
यह वित्तीय डेटा दर्शाता है कि विक्रान इंजीनियरिंग न सिर्फ रेवेन्यू में बढ़ रही है, बल्कि प्रॉफिट मार्जिन और कैपिटल एफिशिएंसी में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
IPO में निवेश कैसे करें?
विक्रान इंजीनियरिंग IPO में निवेश करने के लिए दो मुख्य तरीके हैं:
ASBA (Applications Supported by Blocked Amount): अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल में IPO सेक्शन के जरिए आवेदन करें। आपको लॉट साइज, प्राइस बैंड और UPI ID डालना होगा।
UPI के जरिए: अपने ब्रोकर (जैसे Zerodha, Upstox, या 5Paisa) के ऐप के माध्यम से आवेदन करें।
मैंने एक बार Zerodha के जरिए IPO में निवेश किया था, और प्रक्रिया इतनी आसान थी कि 10 मिनट में आवेदन पूरा हो गया। बस यह सुनिश्चित करें कि आपके डिमैट अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस हो। न्यूनतम निवेश राशि ₹14,356 है, जो रिटेल निवेशकों के लिए किफायती है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) और संभावित रिटर्न
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) एक अनौपचारिक इंडिकेटर है जो IPO की लिस्टिंग प्राइस का अनुमान देता है। 28 अगस्त 2025 तक, विक्रान इंजीनियरिंग IPO का GMP ₹9 था, जो प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर (₹97) के साथ मिलकर ₹106 की लिस्टिंग प्राइस का संकेत देता है। यह लगभग 9.28% का लाभ दर्शाता है।
हालांकि, GMP में उतार-चढ़ाव होता रहता है। उदाहरण के लिए, 25 अगस्त को GMP ₹21 था, जो 21.65% लाभ का संकेत देता था। इसलिए, निवेश से पहले लेटेस्ट GMP चेक करना जरूरी है।
जोखिम और चुनौतियाँ
हर IPO में कुछ जोखिम होते हैं, और विक्रान इंजीनियरिंग भी इससे अछूता नहीं है। यहाँ कुछ प्रमुख जोखिम हैं:
ऑर्डर बुक पर निर्भरता: कंपनी की ऑर्डर बुक ₹2,442.44 करोड़ है, लेकिन अगर प्रोजेक्ट्स में देरी या कैंसिलेशन होता है, तो इसका असर रेवेन्यू पर पड़ सकता है।
सरकारी टेंडर्स पर निर्भरता: कंपनी का 61.73% रेवेन्यू सरकारी टेंडर्स से आता है। नीतिगत बदलाव इसका असर डाल सकते हैं।
ट्रेड रिसीवेबल्स: कंपनी के ₹794.83 करोड़ के रिसीवेबल्स 6 महीने से ज्यादा पुराने हैं, जो कैश फ्लो को प्रभावित कर सकता है।
मेरे एक रिश्तेदार ने एक EPC कंपनी के IPO में निवेश किया था, लेकिन प्रोजेक्ट डिलीवरी में देरी की वजह से उसे उम्मीद से कम रिटर्न मिला। इसलिए, इन जोखिमों को समझना जरूरी है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
विक्रान इंजीनियरिंग IPO में निवेश का फैसला आपकी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश लक्ष्यों पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ पॉइंट्स हैं जो आपको विचार करने चाहिए:
पॉजिटिव पॉइंट्स:
कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ 32.17% CAGR है, जो इंडस्ट्री औसत से बेहतर है।
मजबूत ऑर्डर बुक और डायवर्सिफाइड प्रोजेक्ट्स।
P/E रेशियो 22.88 (प्री-IPO) है, जो कुछ पीयर कंपनियों से कम है।
नेगेटिव पॉइंट्स:
सरकारी टेंडर्स पर निर्भरता।
GMP में उतार-चढ़ाव, जो अनिश्चितता दर्शाता है।
पुराने रिसीवेबल्स से कैश फ्लो का जोखिम।
तुलनात्मक तालिका
पैरामीटर | विक्रान इंजीनियरिंग | इंडस्ट्री औसत |
---|---|---|
रेवेन्यू ग्रोथ (CAGR) | 32.17% | ~20% |
PAT मार्जिन | 8.44% | ~6-8% |
EBITDA मार्जिन | 17.50% | ~12-15% |
डेट-टू-इक्विटी रेशियो | 0.58 | ~0.7-1.0 |
P/E रेशियो (प्री-IPO) | 22.88 | ~25-30 |
निष्कर्ष और Call-to-Action
विक्रान इंजीनियरिंग IPO उन निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर हो सकता है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक, डायवर्सिफाइड प्रोजेक्ट्स, और अच्छा वित्तीय प्रदर्शन इसे एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। हालांकि, सरकारी टेंडर्स पर निर्भरता और रिसीवेबल्स से जुड़े जोखिमों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आप रिटेल निवेशक हैं, तो ₹14,356 का न्यूनतम निवेश शुरू करने के लिए किफायती है।
Call-to-Action: क्या आप इस IPO में निवेश करने की सोच रहे हैं? अपने डिमैट अकाउंट के जरिए अभी आवेदन करें और लेटेस्ट GMP ट्रेंड्स को फॉलो करें। इस ब्लॉग को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और नीचे कमेंट में बताएँ कि आपका इस IPO के बारे में क्या विचार है!
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विक्रान इंजीनियरिंग IPO से जुड़े 7 महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
🔍 विक्रान इंजीनियरिंग IPO के बारे में जानें!
प्रश्न 1: विक्रान इंजीनियरिंग IPO क्या है?
उत्तर: यह एक बुक बिल्डिंग IPO है, जिसके जरिए कंपनी ₹772 करोड़ जुटाएगी। इसमें ₹721 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹51 करोड़ का ऑफर फॉर सेल शामिल है। यह BSE और NSE पर 3 सितंबर 2025 को लिस्ट होगा।
प्रश्न 2: IPO की प्राइस बैंड और लॉट साइज क्या है?
उत्तर: प्राइस बैंड ₹92 से ₹97 प्रति शेयर है, और न्यूनतम लॉट साइज 148 शेयर है। रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश ₹14,356 है।
प्रश्न 3: कंपनी किन सेक्टर्स में काम करती है?
उत्तर: विक्रान इंजीनियरिंग पावर ट्रांसमिशन, वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, और सोलर एनर्जी में काम करती है। इसने 14 राज्यों में 45 प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं।
प्रश्न 4: IPO में निवेश कैसे कर सकते हैं?
उत्तर: आप ASBA के जरिए अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल या UPI के जरिए अपने ब्रोकर के ऐप से आवेदन कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास डिमैट अकाउंट हो।
प्रश्न 5: IPO की सब्सक्रिप्शन स्थिति क्या थी?
उत्तर: 28 अगस्त 2025 तक, IPO 5.52 बार सब्सक्राइब हुआ, जिसमें रिटेल कैटेगरी में 5.52 बार, NII में 11.63 बार, और QIB में 0.96 बार सब्सक्रिप्शन था।
प्रश्न 6: ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या दर्शाता है?
उत्तर: 28 अगस्त 2025 को GMP ₹9 था, जो ₹106 की लिस्टिंग प्राइस का संकेत देता है। यह 9.28% लाभ की संभावना दिखाता है, लेकिन GMP में बदलाव हो सकता है।
प्रश्न 7: क्या यह IPO निवेश के लिए सुरक्षित है?
उत्तर: कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक और ग्रोथ अच्छी है, लेकिन सरकारी टेंडर्स पर निर्भरता और रिसीवेबल्स के जोखिम हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
Vikran Engineering IPO 2025: Key Dates, Price, and Investment Insights
1. विक्रान इंजीनियरिंग IPO की ओपनिंग डेट क्या है?
2. इस IPO से कंपनी कुल कितनी राशि जुटाने की योजना बना रही है?
3. विक्रान इंजीनियरिंग की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
4. IPO का प्राइस बैंड किस रेंज में तय किया गया है?
5. इस IPO का लॉट साइज कितने शेयरों का है?
6. 30 जून 2025 तक कंपनी की ऑर्डर बुक कितनी थी?
7. वित्त वर्ष 2025 में विक्रान इंजीनियरिंग का रेवेन्यू कितना था?
8. IPO में रिटेल निवेशकों के लिए कितने प्रतिशत रिजर्वेशन है?
9. 28 अगस्त 2025 तक इस IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) कितना था?
10. विक्रान इंजीनियरिंग किन प्रमुख सेक्टर्स में काम करती है?
📢 अपनी राय साझा करें: इस IPO के बारे में आप क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट करें और इस ब्लॉग को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!
वित्तीय अस्वीकरण: यह ब्लॉग केवल जानकारी के लिए है और निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और कंपनी के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) को ध्यान से पढ़ें।
SOURCE:- CHITTORGARH
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Robin Singh is a personal finance enthusiast with 5 years of experience in stock markets, loans, and insurance. Through Robin Talks Finance, he shares practical tips to help Indians make informed financial decisions. His insights come from hands-on experience and research from trusted sources like SEBI and RBI. Disclaimer: This content is for informational purposes only, not financial advice. Contact: inquiryrobinsingh@gmail.com
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