तिमाही नतीजों की कहानी
क्या आपने हाल ही में MRF और Kirloskar Industries के तिमाही नतीजों (Q1 FY26) के बारे में सुना? टायर बनाने वाली दिग्गज कंपनी MRF और डाइवर्सिफाइड बिजनेस ग्रुप Kirloskar Industries ने जून तिमाही में अलग-अलग प्रदर्शन दिखाया। जहां MRF को कच्चे माल की बढ़ती लागत (raw material costs) ने मुनाफे में कमी लाई, वहीं Kirloskar ने शानदार प्रदर्शन के साथ निवेशकों का ध्यान खींचा। मैंने इन नतीजों को गहराई से देखा और पाया कि दोनों कंपनियों की कहानी निवेशकों के लिए कई सबक देती है। आइए, इन नतीजों को समझते हैं और देखते हैं कि ये आपके निवेश (investment decisions) को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।
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MRF vs Kirloskar Industries Q1 Results 2025 |
MRF Q1 Results 2025: चुनौतियों के बीच ग्रोथ
MRF, जो भारत की प्रमुख टायर निर्माता कंपनी है, ने जून तिमाही (Q1 FY26) में मिले-जुले नतीजे पेश किए। कंपनी की सेल्स में बढ़ोतरी हुई, लेकिन प्रॉफिट पर दबाव साफ दिखा। मैंने नोटिस किया कि कच्चे माल की लागत, जैसे रबर और कच्चा तेल (crude oil-based inputs), बढ़ने से कंपनी के मार्जिन पर असर पड़ा।
नेट प्रॉफिट: ₹484 करोड़, जो पिछले साल के ₹563 करोड़ से 14% कम है।
आमदनी (Revenue): ₹7,560 करोड़, जो 7% की बढ़ोतरी दिखाता है (पिछला साल ₹7,078 करोड़)।
EBITDA: ₹1,034 करोड़, 9% की गिरावट (पिछला साल ₹1,137 करोड़)।
EBITDA मार्जिन: 13.7%, जो पहले 16.1% था।
हालांकि, अन्य आय (other income) ₹125 करोड़ तक बढ़ी, जिसने मुनाफे की गिरावट को कुछ हद तक संभाला। मेरे अनुभव में, ऐसी स्थिति में निवेशक यह देखते हैं कि क्या कंपनी भविष्य में लागत नियंत्रण (cost control) के जरिए मार्जिन सुधार सकती है।
Kirloskar Industries Q1 Results 2025: शानदार प्रदर्शन
Kirloskar Industries ने इस तिमाही में कमाल का प्रदर्शन किया। कंपनी ने हर मोर्चे पर बेहतर नतीजे दिखाए, जो बेहतर ऑपरेशनल दक्षता (operational efficiency) और लागत नियंत्रण का परिणाम है। मैंने देखा कि कंपनी की प्राइसिंग स्ट्रैटेजी और सभी सेगमेंट्स में स्थिर डिमांड ने इसे मजबूती दी।
नेट प्रॉफिट: ₹44 करोड़, जो 54.4% की शानदार बढ़ोतरी है (पिछला साल ₹28.5 करोड़)।
आमदनी (Revenue): ₹1,705.5 करोड़, 9.4% की बढ़ोतरी (पिछला साल ₹1,559 करोड़)।
EBITDA: ₹218.7 करोड़, 22.4% की बढ़ोतरी।
EBITDA मार्जिन: 12.8%, जो पहले 11.5% था।
यह प्रदर्शन निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। मेरे एक दोस्त ने, जो स्टॉक मार्केट में निवेश करता है, बताया कि Kirloskar जैसे डाइवर्सिफाइड बिजनेस ग्रुप की स्थिरता उसे लंबे समय के लिए आकर्षक बनाती है।
दोनों कंपनियों की तुलना: कहां है निवेश का मौका?
MRF ने रेवेन्यू ग्रोथ दिखाई, लेकिन प्रॉफिट और मार्जिन में गिरावट चिंता का विषय है। दूसरी ओर, Kirloskar ने न सिर्फ मुनाफा बढ़ाया, बल्कि मार्जिन में भी सुधार किया। निवेशकों को अब यह देखना होगा कि क्या MRF अगले क्वार्टर में कॉस्ट प्रेशर कम कर सकता है, और क्या Kirloskar अपनी ग्रोथ को बरकरार रखेगा।
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MRF vs Kirloskar Industries Q1 Results 2025: तिमाही नतीजों का विश्लेषण |
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MRF vs Kirloskar Industries Q1 Results 2025: तिमाही नतीजों का विश्लेषण |
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए क्या है सबक?
MRF और Kirloskar Industries के तिमाही नतीजों से साफ है कि दोनों कंपनियों की राह अलग है। MRF को लागत नियंत्रण पर काम करना होगा, जबकि Kirloskar की स्थिर ग्रोथ निवेशकों के लिए आकर्षक है। अगर आप निवेश की योजना बना रहे हैं, तो इन नतीजों को गहराई से समझें और अपने फाइनेंशियल गोल्स (financial goals) के आधार पर फैसला लें। क्या आप इन कंपनियों के भविष्य पर नजर रख रहे हैं? नीचे कमेंट में अपने विचार साझा करें और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!
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वित्तीय अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के लिए है और निवेश सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।
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