अपोलो हॉस्पिटल्स की शानदार शुरुआत
अपोलो हॉस्पिटल्स ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में कमाल कर दिखाया है। कंपनी का मुनाफा 42% की उछाल के साथ ₹433 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल ₹305 करोड़ था। आय (Revenue) में 15% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹5,842 करोड़ रही। व्यक्तिगत रूप से, मैंने देखा है कि हेल्थकेयर सेक्टर में ऐसी मजबूत ग्रोथ निवेशकों और आम लोगों का ध्यान खींचती है। आइए, इस शानदार प्रदर्शन और अपोलो के भविष्य के प्लान्स को विस्तार से समझें।
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Q1 FY26 में अपोलो का प्रदर्शन: मुनाफे और आय में उछाल
अपोलो हॉस्पिटल्स ने न केवल मुनाफे में बल्कि कामकाजी मुनाफे (EBITDA) में भी 26.3% की वृद्धि दर्ज की, जो ₹851.5 करोड़ तक पहुंच गया। ऑपरेटिंग मार्जिन (Operating Margin) भी 13.3% से बढ़कर 14.6% हो गया। इसका मतलब है कि कंपनी ने न सिर्फ ज्यादा कमाई की, बल्कि अपने खर्चों को भी बेहतर ढंग से मैनेज किया।
हेल्थकेयर सर्विसेज: ₹2,935 करोड़ की आय, 11% की वृद्धि।
डिजिटल हेल्थ और फार्मेसी: ₹2,472 करोड़ की आय, 19% की ग्रोथ।
रिटेल हेल्थ और डायग्नोस्टिक्स: ₹435 करोड़ की आय, 19% की बढ़ोतरी।
मैंने हाल ही में एक दोस्त से बात की, जो अपोलो 24/7 के जरिए टेलीकंसल्टेशन ले रहा था। उसका कहना था कि यह प्लेटफॉर्म समय और पैसे दोनों बचाता है। यह दिखाता है कि अपोलो की डिजिटल पहल कितनी प्रभावी है।
अपोलो की विस्तार योजनाएं: भविष्य की नींव
अपोलो ने अगले 3-4 साल में 4,370 बेड जोड़ने की योजना बनाई है, जिसमें ₹7,600 करोड़ का निवेश होगा। बेंगलुरु में 700 नए बेड्स जोड़े जाएंगे, जिससे वहां कुल क्षमता 1,500 बेड्स तक पहुंच जाएगी। हैदराबाद में भी 160 बेड्स की बढ़ोतरी होगी।
बेंगलुरु: 200 बेड्स का मौजूदा हॉस्पिटल अधिग्रहण और 500 बेड्स का नया ग्रीनफील्ड हॉस्पिटल।
हैदराबाद: जयंती हिल्स और सिकंदराबाद में बेड्स की संख्या बढ़ाकर 1,400।
नए हॉस्पिटल्स: पटना और जयपुर में Q3 FY26 से शुरूआत।
मेरे एक रिश्तेदार ने बेंगलुरु के अपोलो हॉस्पिटल में इलाज करवाया था और वहां की सुविधाओं की तारीफ करते नहीं थकते। यह विस्तार आम लोगों के लिए और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करेगा।
AI और डिजिटल हेल्थ में क्रांति
अपोलो ने डिजिटल हेल्थ में भी बड़े कदम उठाए हैं। अपोलो 24/7 ने इस तिमाही में ₹682 करोड़ का GMV (Gross Merchandise Value) दर्ज किया, जो टेलीकंसल्टेशन, डायग्नोस्टिक्स और फार्मेसी डिलीवरी की बढ़ती मांग को दर्शाता है। इसके अलावा:
ओरालाइफ: AI आधारित प्लैटफॉर्म जो ओरल कैंसर की जल्दी पहचान करता है।
अपोलो जेन: उन्नत डायग्नोस्टिक्स और AI से युक्त निवारक स्वास्थ्य कार्यक्रम।
अपोलो प्रोहेल्थ: इस तिमाही में 2.5 करोड़ से ज्यादा स्वास्थ्य आकलन किए गए।
मैंने खुद अपोलो 24/7 ऐप का इस्तेमाल दवाइयां ऑर्डर करने के लिए किया है, और इसकी तेज डिलीवरी ने मुझे प्रभावित किया। यह दिखाता है कि अपोलो डिजिटल हेल्थ में कितना आगे बढ़ रहा है।
डीमर्जर और अधिग्रहण: स्मार्ट रणनीति
अपोलो ने अपने ओमनी चैनल फार्मेसी और डिजिटल हेल्थ बिजनेस को अलग कर अपोलो हेल्थटेक लिमिटेड नाम से नई कंपनी बनाने का फैसला किया है। इससे दोनों बिजनेस को अलग-अलग फोकस और पूंजी मिलेगी। साथ ही, कंपनी ने अपोलो ग्लेनीगल्स PET-CT प्राइवेट लिमिटेड में 50% हिस्सेदारी ₹8.5 करोड़ में खरीदकर इसे पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बना लिया।
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निष्कर्ष: अपोलो का भविष्य उज्ज्वल
अपोलो हॉस्पिटल्स ने Q1 FY26 में न केवल मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया, बल्कि अपनी विस्तार योजनाओं और AI आधारित पहलों से हेल्थकेयर सेक्टर में नई ऊंचाइयां छूने की तैयारी कर ली है। अगर आप निवेशक हैं या हेल्थकेयर में रुचि रखते हैं, तो अपोलो के इन कदमों पर नजर रखें। क्या आप अपोलो की इन योजनाओं से उत्साहित हैं? अपने विचार कमेंट में साझा करें और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!
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वित्तीय अस्वीकरण
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
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