What is NPS Scheme and How It Helps in Retirement Planning? | NPS SHEME IN HINDI

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परिचय: NPS क्या है और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

रिटायरमेंट की प्लानिंग हर किसी के लिए जरूरी है, खासकर तब जब आप अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। NPS (National Pension Scheme) एक ऐसी सरकारी स्कीम है, जो आपको रिटायरमेंट के लिए बचत करने और टैक्स बचाने में मदद करती है। यह एक ऐसी गुल्लक की तरह है, जिसमें आप नियमित रूप से पैसे डालते हैं और रिटायरमेंट के समय आपको एकमुश्त राशि (Lump Sum) और मासिक पेंशन दोनों मिलते हैं। इस लेख में हम NPS को हिन्दी भाषा मे समझेंगे, इसके फायदे, टियर 1 और टियर 2 अकाउंट्स, इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस, और टैक्स बेनिफिट्स के बारे में विस्तार से जानेंगे।

चाहे आप नौकरीपेशा हों, बिजनेस करते हों, या फ्रीलांसर हों, NPS आपके लिए एक सुरक्षित और लचीला विकल्प हो सकता है। आइए, इसे गहराई से समझते हैं।


What is NPS Scheme and How It Helps in Retirement Planning?
What is NPS Scheme and How It Helps in Retirement Planning?


NPS क्या है? (What is National Pension Scheme?)

NPS यानी नेशनल पेंशन स्कीम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक रिटायरमेंट बचत योजना है। इसे कोई भी भारतीय नागरिक (18 से 70 वर्ष की आयु) खोल सकता है। यह स्कीम आपको रिटायरमेंट के लिए पैसे जोड़ने और टैक्स बचाने का मौका देती है। NPS में आप दो तरह के अकाउंट खोल सकते हैं:

  • टियर 1 अकाउंट: यह मुख्य अकाउंट है, जिसमें आप रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करते हैं। इसे आप रिटायरमेंट से पहले नहीं तोड़ सकते (कुछ शर्तों के साथ)।

  • टियर 2 अकाउंट: यह वैकल्पिक अकाउंट है, जो म्यूचुअल फंड की तरह काम करता है। इसमें आप जब चाहें पैसे डाल या निकाल सकते हैं।

उदाहरण के लिए, दिल्ली में रहने वाले 30 साल के रोहन ने NPS टियर 1 अकाउंट खोला और हर महीने 5,000 रुपये जमा करने शुरू किए। रिटायरमेंट तक वह एक बड़ा फंड बना सकता है, जो उसे मासिक पेंशन और एकमुश्त राशि देगा।

NPS के फायदे: क्यों चुनें इस स्कीम को?

NPS कई कारणों से आकर्षक है। आइए, इसके प्रमुख फायदों को समझते हैं:

  • रिटायरमेंट प्लानिंग: NPS आपके रिटायरमेंट के लिए एक अनुशासित बचत योजना है।

  • टैक्स बेनिफिट्स (Tax Benefits): सेक्शन 80C और 80CCD(1B) के तहत 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट।

  • सुरक्षा: भारत सरकार द्वारा समर्थित, यह स्कीम PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) द्वारा नियंत्रित होती है।

  • लचीलापन: आप अपनी पसंद के फंड मैनेजर और इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस चुन सकते हैं।

  • नॉमिनी ऑप्शन: आप 3 नॉमिनी बना सकते हैं, जो आपके न होने पर फंड प्राप्त करेंगे।

मिसाल के तौर पर, मुंबई की प्रिया, जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं, ने NPS में 10,000 रुपये मासिक निवेश शुरू किया। इससे न केवल उनकी रिटायरमेंट प्लानिंग मजबूत हुई, बल्कि टैक्स में भी बचत हुई।

टियर 1 और टियर 2 अकाउंट: क्या है अंतर?

NPS में दो तरह के अकाउंट्स हैं, जिन्हें हम दो गुल्लकों के रूप में समझ सकते हैं:

टियर 1 अकाउंट

  • यह रिटायरमेंट के लिए अनिवार्य अकाउंट है।

  • इसमें जमा पैसा रिटायरमेंट (60 वर्ष) तक लॉक रहता है, लेकिन कुछ शर्तों (जैसे गंभीर बीमारी या शिक्षा) के तहत 3 साल बाद 25% तक निकाला जा सकता है।

  • टैक्स बेनिफिट्स केवल टियर 1 अकाउंट पर मिलते हैं।

टियर 2 अकाउंट

  • यह वैकल्पिक अकाउंट है, जिसे केवल टियर 1 अकाउंट धारक ही खोल सकते हैं।

  • इसमें आप जब चाहें पैसे डाल या निकाल सकते हैं, जैसे म्यूचुअल फंड में।

  • कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता।

उदाहरण: लखनऊ के अमित ने टियर 1 में 6,000 रुपये और टियर 2 में 4,000 रुपये मासिक निवेश शुरू किया। टियर 1 से वह रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं, जबकि टियर 2 से वह शॉर्ट-टर्म जरूरतों के लिए निवेश करते हैं।

NPS में इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस: एक्टिव और ऑटो चॉइस

NPS में आप अपने पैसे को चार तरह की संपत्तियों (Asset Classes) में निवेश कर सकते हैं:

  • इक्विटी (Equity): शेयर बाजार में निवेश, ज्यादा रिटर्न लेकिन रिस्की।

  • कॉरपोरेट बॉन्ड्स (Corporate Bonds): कंपनियों के बॉन्ड में निवेश, मध्यम रिस्क।

  • गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (Government Securities): सरकारी बॉन्ड्स, सबसे सुरक्षित।

  • ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (Alternative Investment Funds): रियल एस्टेट आदि, उच्च रिस्क।

आपके पास दो निवेश विकल्प हैं:

  1. एक्टिव चॉइस (Active Choice): आप खुद तय करते हैं कि कितना पैसा किस संपत्ति में जाएगा। उदाहरण के लिए, 75% इक्विटी, 20% कॉरपोरेट बॉन्ड्स, और 5% गवर्नमेंट सिक्योरिटीज।

  2. ऑटो चॉइस (Auto Choice): फंड मैनेजर आपके लिए निवेश का फैसला लेता है। इसमें तीन ऑप्शंस हैं:

    • एग्रेसिव (LC75): 75% इक्विटी, ज्यादा रिटर्न की संभावना।

    • मॉडरेट (LC50): 50% इक्विटी, संतुलित रिस्क।

    • कंजर्वेटिव (LC25): 25% इक्विटी, कम रिस्क।

NPS में फंड मैनेजर्स का रोल

NPS में 11 फंड मैनेजर्स हैं, जैसे HDFC, ICICI, SBI, और Aditya Birla। आप अपनी पसंद का फंड मैनेजर चुन सकते हैं। प्रत्येक फंड मैनेजर आपके पैसे को इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, या गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश करता है। आप चाहें तो अलग-अलग संपत्तियों के लिए अलग फंड मैनेजर भी चुन सकते हैं।

उदाहरण के लिए, आप इक्विटी के लिए ICICI, कॉरपोरेट बॉन्ड्स के लिए HDFC, और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के लिए SBI चुन सकते हैं।

टैक्स बेनिफिट्स: NPS से कैसे बचाएं टैक्स?

NPS टैक्स बचाने का शानदार तरीका है। इसके प्रमुख टैक्स बेनिफिट्स:

  • सेक्शन 80C: 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट।

  • सेक्शन 80CCD(1B): अतिरिक्त 50,000 रुपये की टैक्स छूट।

  • कंपनी का योगदान: अगर आपकी कंपनी NPS में आपके बेसिक वेतन का 10% योगदान करती है, तो वह भी टैक्स-फ्री है।

  • रिटायरमेंट पर: 60% एकमुश्त राशि टैक्स-फ्री है, जबकि 40% मासिक पेंशन टैक्सेबल हो सकती है।

NPS कैलकुलेटर: कितना रिटर्न मिलेगा?

NPS में रिटर्न की गणना आपके निवेश, आयु, और रिटर्न रेट पर निर्भर करती है। उदाहरण:

  • अगर आप 18 साल की उम्र से हर महीने 5,000 रुपये निवेश करते हैं, 10% रिटर्न के साथ, और 60 साल तक जारी रखते हैं, तो आपका कुल फंड करीब 3.5 करोड़ रुपये हो सकता है।

  • इसमें से 60% (लगभग 2.1 करोड़) एकमुश्त मिलेगा, और 40% (1.4 करोड़) मासिक पेंशन के लिए इस्तेमाल होगा।

आप ऑनलाइन NPS कैलकुलेटर का उपयोग करके अपने निवेश का अनुमान लगा सकते हैं।

NPS से पैसे निकालने के नियम

  • रिटायरमेंट पर: 60 साल की उम्र में, 60% राशि एकमुश्त मिलती है (टैक्स-फ्री), और 40% का उपयोग मासिक पेंशन के लिए होता है।

  • आंशिक निकासी: 3 साल बाद, आप 25% राशि निकाल सकते हैं (केवल गंभीर बीमारी, शिक्षा, आदि के लिए), अधिकतम 3 बार।

  • नॉमिनी को भुगतान: अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को पूरा फंड मिलता है।

तुलना तालिका: NPS बनाम अन्य निवेश विकल्प


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NPS रिटर्न चार्ट

What is NPS Scheme and How It Helps in Retirement Planning?
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निष्कर्ष: NPS में निवेश शुरू करें

NPS एक शानदार रिटायरमेंट प्लानिंग टूल है, जो आपको टैक्स बचत, सुरक्षित निवेश, और लचीलेपन का लाभ देता है। चाहे आप युवा हों या मध्यम आयु के, आज से NPS में निवेश शुरू करके अपने भविष्य को सुरक्षित करें। अपने नजदीकी बैंक, पोस्ट ऑफिस, या ऑनलाइन NPS पोर्टल पर अकाउंट खोलें और नियमित निवेश शुरू करें।

CTA: आज ही NPS अकाउंट खोलें और अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू करें! अधिक जानकारी के लिए https://www.npscra.nsdl.co.in पर जाएं।

FAQs: NPS से जुड़े सामान्य सवाल

  1. NPS क्या है?
    NPS (National Pension Scheme) भारत सरकार की रिटायरमेंट बचत योजना है, जो टैक्स बेनिफिट्स और मासिक पेंशन प्रदान करती है।

  2. कौन NPS अकाउंट खोल सकता है?
    18 से 70 वर्ष का कोई भी भारतीय नागरिक NPS अकाउंट खोल सकता है।

  3. टियर 1 और टियर 2 अकाउंट में क्या अंतर है?
    टियर 1 रिटायरमेंट के लिए लॉक-इन अकाउंट है, जबकि टियर 2 में आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं।

  4. NPS में कितना टैक्स बेनिफिट मिलता है?
    सेक्शन 80C (1.5 लाख) और 80CCD(1B) (50,000 रुपये) के तहत कुल 2 लाख रुपये तक की छूट।

  5. क्या NPS से बीच में पैसे निकाले जा सकते हैं?
    हां, 3 साल बाद 25% राशि निकाली जा सकती है, अधिकतम 3 बार, खास परिस्थितियों में।

  6. NPS में कितना रिटर्न मिलता है?
    रिटर्न 8-10% तक हो सकता है, जो आपके निवेश ऑप्शंस (इक्विटी, बॉन्ड्स) पर निर्भर करता है।

  7. NPS में नॉमिनी कैसे जोड़े जाते हैं?
    आप अकाउंट खोलते समय 3 नॉमिनी जोड़ सकते हैं और उनके लिए हिस्सेदारी तय कर सकते हैं।

  8. क्या NPS पूरी तरह सुरक्षित है?
    हां, NPS को PFRDA द्वारा नियंत्रित किया जाता है और भारत सरकार द्वारा समर्थित है।

SOURCE:- ICICI BANK

वित्तीय अस्वीकरण (Financial Disclaimer)

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान और जागरूकता के लिए है। निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। NPS में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, और रिटर्न की गारंटी नहीं है। अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर निर्णय लें।

ABOUT THE AUTHOR

Robin Singh is a personal finance enthusiast with 5 years of experience in stock markets, loans, and insurance. Through Robin Talks Finance, he shares practical tips to help Indians make informed financial decisions. His insights come from hands-on experience and research from trusted sources like SEBI and RBI. Disclaimer: This content is for informational purposes only, not financial advice. Contact: inquiryrobinsingh@gmail.com

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