विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं? ट्रैवल इंश्योरेंस लेना एक समझदारी भरा कदम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में सब कुछ कवर नहीं होता? कई बार लोग सोचते हैं कि उनकी पॉलिसी हर स्थिति में सुरक्षा देगी, लेकिन कुछ एक्सक्लूजंस (छूट) और शर्तें होती हैं, जो क्लेम को प्रभावित करती हैं। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि ट्रैवल इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर नहीं होता, ताकि आप अपनी यात्रा के लिए सही अपेक्षाएं रख सकें।
ट्रैवल इंश्योरेंस में डिडक्टेबल्स क्या हैं?
डिडक्टेबल वह राशि या समय है, जो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम में कवर नहीं करती। इसे समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह आपकी जेब पर असर डाल सकता है।
राशि आधारित डिडक्टेबल: मान लीजिए आपकी पॉलिसी में सम इंश्योर्ड 5 लाख रुपये है, लेकिन डिडक्टेबल 100 यूएसडी (लगभग 8,400 रुपये) है। इसका मतलब है कि अगर आपका क्लेम 100 यूएसडी से कम है, तो इंश्योरेंस कंपनी कोई भुगतान नहीं करेगी। उदाहरण के लिए, अगर आपका मेडिकल खर्च 80 यूएसडी है, तो आपको यह राशि खुद देनी होगी।
समय आधारित डिडक्टेबल: कुछ मामलों में समय की शर्त लागू होती है। जैसे, अगर आपका चेक-इन बैगेज 3 घंटे से कम समय के लिए लेट होता है, तो क्लेम नहीं मिलेगा। लेकिन अगर यह 3 घंटे से ज्यादा लेट होता है, तो आप क्लेम के हकदार हो सकते हैं।
उदाहरण: रमेश ने यूरोप यात्रा के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस लिया। हवाई अड्डे पर उनका बैग 2 घंटे लेट हुआ। चूंकि यह डिडक्टेबल समय (3 घंटे) से कम था, उन्हें कोई क्लेम नहीं मिला।
ज्योग्राफिकल स्कोप का महत्व
ज्योग्राफिकल स्कोप यानी वह क्षेत्र जहां आपकी पॉलिसी लागू होती है। अगर आप इस क्षेत्र से बाहर यात्रा करते हैं, तो आपका क्लेम खारिज हो सकता है।
क्षेत्र सीमित पॉलिसी: अगर आपने सिंगापुर के लिए पॉलिसी ली और फिर यूएस चले गए, तो यूएस में होने वाला कोई भी नुकसान कवर नहीं होगा।
प्रीमियम का अंतर: यूएस और कनाडा की यात्रा के लिए प्रीमियम ज्यादा होता है, जबकि एशिया या अन्य क्षेत्रों के लिए कम। इसलिए, अगर आप विश्वव्यापी कवरेज चाहते हैं, तो इंक्लूडिंग यूएस और कनाडा वाली पॉलिसी चुनें।
उदाहरण: प्रिया ने थाईलैंड के लिए इंश्योरेंस लिया, लेकिन यात्रा के दौरान वह ऑस्ट्रेलिया चली गईं। वहां मेडिकल इमरजेंसी होने पर उनकी पॉलिसी ने कवर नहीं किया, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया उनके ज्योग्राफिकल स्कोप में नहीं था।
प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज (PED) और क्लेम
प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज (PED) यानी वे बीमारियां जो आपको यात्रा शुरू करने से पहले थीं। इनसे जुड़ा कोई भी क्लेम आमतौर पर कवर नहीं होता।
कवरेज की शर्त: अगर आपकी पॉलिसी में स्पष्ट रूप से PED कवरेज का उल्लेख नहीं है, तो हार्ट, कैंसर, या किडनी जैसी बीमारियों से जुड़े क्लेम खारिज हो सकते हैं।
डिस्क्लोजर जरूरी: PED की जानकारी देना जरूरी है। कुछ गंभीर बीमारियों (जैसे कैंसर) के मामले में इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी देने से भी मना कर सकती है।
उदाहरण: अजय को डायबिटीज थी, और उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी। विदेश में डायबिटीज से संबंधित जटिलता होने पर उनका क्लेम खारिज हो गया।
इमरजेंसी ओपीडी और नॉन-इमरजेंसी ट्रीटमेंट
इमरजेंसी ओपीडी में कुछ खास शर्तें लागू होती हैं। नॉन-इमरजेंसी ट्रीटमेंट्स कवर नहीं किए जाते।
नॉन-इमरजेंसी ट्रीटमेंट: अगर डॉक्टर कहता है कि आप भारत लौटकर ट्रीटमेंट करा सकते हैं, तो यह इमरजेंसी नहीं माना जाएगा। उदाहरण के लिए, रूटीन चेकअप या मेडिकेशन कवर नहीं होंगे।
विटामिन्स और टॉनिक्स: वेट लॉस, वेलनेस, या फिजियोथेरेपी से जुड़े खर्चे कवर नहीं होते।
उदाहरण: मनीषा ने विदेश में रूटीन दवाइयों के लिए ओपीडी में कंसल्टेशन लिया। चूंकि यह इमरजेंसी नहीं था, उनकी पॉलिसी ने खर्च कवर नहीं किया।
डेंटल ट्रीटमेंट की शर्तें
डेंटल ट्रीटमेंट आमतौर पर ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर नहीं होता, सिवाय कुछ खास परिस्थितियों के:
एक्सीडेंट केस: अगर किसी दुर्घटना की वजह से डेंटल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है और आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, तो यह कवर हो सकता है।
अनबेयरेबल पेन: अगर आपको नेचुरल दांत में असहनीय दर्द हो, जो इमरजेंसी हो, तो क्लेम मिल सकता है। लेकिन आर्टिफिशियल दांत से जुड़ा कोई क्लेम कवर नहीं होगा।
उदाहरण: रीता को विदेश में दांत में तेज दर्द हुआ। चूंकि यह नेचुरल दांत था और इमरजेंसी थी, उनकी पॉलिसी ने ट्रीटमेंट कवर किया।
सामान्य एक्सक्लूजंस की सूची
कुछ सामान्य परिस्थितियां हैं, जिनमें ट्रैवल इंश्योरेंस क्लेम नहीं देता:
युद्ध और आतंकवाद: युद्ध, आतंकवाद, या न्यूक्लियर रेडिएशन से जुड़ी चोटें या बीमारियां कवर नहीं होतीं।
मिलिट्री ऑपरेशंस: अगर आप नेवल, मिलिट्री, या एयरफोर्स ऑपरेशंस में हिस्सा ले रहे हैं, तो क्लेम नहीं मिलेगा।
कानून तोड़ना: अगर आपने कोई कानून तोड़ा और उसी दौरान क्लेम की जरूरत पड़ी, तो इंश्योरेंस कंपनी भुगतान नहीं करेगी।
मोटापा या वेट कंट्रोल: वेट लॉस प्रोग्राम या मोटापे से जुड़े ट्रीटमेंट कवर नहीं होते।
मातृत्व खर्च: मिसकैरज या चाइल्डबर्थ से जुड़े खर्चे कवर नहीं होते, सिवाय इसके कि यह किसी दुर्घटना की वजह से हो।
अनप्रूवन ट्रीटमेंट: वैज्ञानिक रूप से सिद्ध न हुए ट्रीटमेंट, जैसे कुछ वैकल्पिक चिकित्सा, कवर नहीं होती।
नॉन-प्रिस्क्राइब्ड दवाएं: बिना डॉक्टर की सलाह के ली गई दवाएं या ट्रीटमेंट कवर नहीं होते।
डॉक्टर की सलाह के खिलाफ यात्रा: अगर डॉक्टर ने यात्रा न करने की सलाह दी और आप फिर भी यात्रा करते हैं, तो क्लेम खारिज हो सकता है।
सेल्फ-इन्फ्लिक्टेड इंजरी: आत्महत्या की कोशिश या जानबूझकर खुद को नुकसान पहुंचाने से जुड़े क्लेम कवर नहीं होते।
शराब या ड्रग्स का प्रभाव: अगर आप शराब या ड्रग्स के प्रभाव में हैं और कोई हादसा होता है, तो क्लेम नहीं मिलेगा।
मेडिकल टूरिज्म: अगर आप विशेष रूप से ट्रीटमेंट के लिए यात्रा कर रहे हैं, तो यह कवर नहीं होगा।
कॉस्मेटिक सर्जरी: कॉस्मेटिक या प्लास्टिक सर्जरी कवर नहीं होती, सिवाय इसके कि यह दुर्घटना, जलने, या कैंसर की वजह से मेडिकली जरूरी हो।
इन्वेस्टिगेशन और इवैल्यूएशन: अगर आप केवल जांच या डायग्नोसिस के लिए हॉस्पिटल जाते हैं और कोई ट्रीटमेंट नहीं होता, तो यह कवर नहीं होगा।
महत्वपूर्ण एक्सक्लूजंस का टेबल
नीचे दिए गए टेबल में ट्रैवल इंश्योरेंस के प्रमुख एक्सक्लूजंस और उनकी शर्तों को समझें:
अपनी पॉलिसी को अच्छे से समझें
ट्रैवल इंश्योरेंस लेने से पहले उसकी 30-35 पेज की किट को ध्यान से पढ़ें। इसमें शेड्यूल ऑफ बेनिफिट्स और टर्म्स एंड कंडीशंस की जानकारी होती है। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी अपेक्षाएं सही हों और क्लेम के समय आपको आश्चर्य न हो।
टिप: पॉलिसी लेते समय ट्रैवल एजेंट या इंश्योरेंस कंपनी से पूछें कि आपका ज्योग्राफिकल स्कोप, डिडक्टेबल्स, और PED कवरेज क्या हैं।
उदाहरण: रवि ने पॉलिसी लेने से पहले डिटेल्स पढ़ीं और जाना कि उनकी हार्ट कंडीशन कवर नहीं होगी। उन्होंने एक ऐसी पॉलिसी चुनी, जिसमें PED कवरेज शामिल था।
निष्कर्ष और अगला कदम
ट्रैवल इंश्योरेंस आपकी विदेश यात्रा को सुरक्षित बनाता है, लेकिन इसके एक्सक्लूजंस को समझना उतना ही जरूरी है। पॉलिसी की बारीकियों को जानकर आप सही अपेक्षाएं रख सकते हैं और क्लेम रिजेक्शन से बच सकते हैं। अपनी फाइनेंस हेल्थ को मजबूत करने के लिए आज ही अपनी ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वह आपकी यात्रा जरूरतों के हिसाब से है।
कॉल-टू-एक्शन: अपनी यात्रा से पहले ऑनलाइन लोन आवेदन या इंश्योरेंस विकल्पों की तुलना करें। हमारी वेबसाइट पर अन्य फाइनेंस हेल्थ से जुड़े ब्लॉग पढ़ें और अपनी यात्रा को सुरक्षित बनाएं!
SOURCE:- ICICI LOAMBARD
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदने से पहले अपनी जरूरतों और पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से जांच लें। किसी भी वित्तीय निर्णय के लिए प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।
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Robin Singh is a personal finance enthusiast with 5 years of experience in stock markets, loans, and insurance. Through Robin Talks Finance, he shares practical tips to help Indians make informed financial decisions. His insights come from hands-on experience and research from trusted sources like SEBI and RBI. Disclaimer: This content is for informational purposes only, not financial advice. Contact: inquiryrobinsingh@gmail.com
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