How to Get a Home Loan in 2025: Complete Process and Tips

Robin Talks Finance

होम लोन लेना और प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा कदम है, जो सही जानकारी और योजना के बिना जटिल हो सकता है। चाहे आप फ्लैट, प्लॉट, या घर खरीदना चाहते हों, यह प्रक्रिया कई स्टेप्स और कागजी कार्रवाइयों से भरी होती है। Robin Talks Finance के इस ब्लॉग में, हम आपको बताएंगे How to Get a Home Loan in 2025 और होम लोन लेने और प्रॉपर्टी खरीदने का  Complete Process and Tips. साथ ही, कुछ प्रैक्टिकल टिप्स भी देंगे, जो आपकी फाइनेंस हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। आइए शुरू करते हैं!


How to Get a Home Loan in 2025: Complete Process and Tips

होम लोन क्या है और क्यों जरूरी है?

होम लोन एक ऐसा लोन है, जो बैंक या वित्तीय संस्थान आपको घर, फ्लैट, या प्लॉट खरीदने के लिए देते हैं। यह लोन आपको प्रॉपर्टी की कीमत का एक हिस्सा (आमतौर पर 75-90%) कवर करने में मदद करता है, बाकी हिस्सा आपको डाउन पेमेंट के रूप में देना होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 1 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो बैंक आपको 75 लाख तक का लोन दे सकता है, और बाकी 25 लाख आपको अपनी जेब से देने होंगे।

होम लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बैंक प्रॉपर्टी की पूरी जांच करता है, जिससे धोखाधड़ी का खतरा कम हो जाता है। साथ ही, यह आपको बड़े निवेश को छोटी-छोटी ईएमआई में बांटकर भुगतान करने की सुविधा देता है।

होम लोन लेने की प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

होम लोन लेने और प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया को समझने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें:

1. अपनी फाइनेंशियल स्थिति का आकलन करें

सबसे पहले, अपनी आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करें। आपके पास कितना पैसा है, और कितना लोन लेने की जरूरत है? उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपके पास 40 लाख रुपये हैं, और आप 1.10 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं। इसका मतलब है कि आपको लगभग 70 लाख रुपये का लोन चाहिए।

  • टिप: अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करें। 750+ का क्रेडिट स्कोर आपको कम ब्याज दर पर लोन दिला सकता है।

  • बैंक में अपने दस्तावेज (पैन कार्ड, आधार कार्ड, सैलरी स्लिप, आईटीआर) जमा करें, ताकि आपको पता चले कि आप कितने लोन के लिए योग्य हैं।

2. प्रॉपर्टी की तलाश और डीलर से बातचीत

प्रॉपर्टी चुनने के लिए एक भरोसेमंद प्रॉपर्टी डीलर की मदद लें। डीलर आपको प्रॉपर्टी दिखाएंगे और उनकी कीमत बताएंगे। उदाहरण के लिए, एक डीलर ने 1.26 करोड़ की प्रॉपर्टी का हवाला दिया, लेकिन बातचीत के बाद इसे 1.10 करोड़ में फाइनल किया गया।

  • ध्यान दें: डीलर कमीशन के लिए कीमत बढ़ा सकते हैं। हमेशा मोलभाव करें।

  • प्रॉपर्टी पसंद आने पर टोकन मनी (उदाहरण: 2 लाख रुपये) देकर डील लॉक करें।

3. बयाना (Agreement to Sell)

टोकन मनी के बाद, आपको बयाना या एग्रीमेंट टू सेल करना होगा। यह प्रॉपर्टी की कीमत का 25% हिस्सा होता है। उदाहरण के लिए, 1.10 करोड़ की प्रॉपर्टी के लिए 17.5 लाख रुपये बयाना के रूप में दिए जा सकते हैं।

  • महत्वपूर्ण टिप: बयाना हमेशा 4000 रुपये के स्टांप पेपर पर करें, क्योंकि 100 रुपये का स्टांप पेपर कोर्ट में मान्य नहीं हो सकता।

4. एनओसी और रजिस्ट्रेशन

बयाना के बाद, आपको तहसील ऑफिस से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना होगा। इसके लिए खरीदार, विक्रेता, और दो गवाहों की फोटो ली जाती है। एनओसी मिलने के बाद, आप प्रॉपर्टी के आधे मालिक बन जाते हैं।

इसके बाद रजिस्ट्रेशन होता है, जिसमें:

  • बैंक दो चेक जारी करता है (अगर दो विक्रेता हैं, जैसे पिता-पुत्र, तो प्रत्येक के नाम पर 50% राशि)।

  • उदाहरण: 70 लाख के लोन में 35-35 लाख के दो चेक।

  • सभी पेमेंट (चेक, आईएमपीएस, टीडीएस) रजिस्ट्रेशन कॉपी में दर्ज होते हैं।

5. स्टांप ड्यूटी और अतिरिक्त खर्च

प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी देनी होती है, जो राज्य के नियमों पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, पंजाब में:

  • महिलाओं के लिए: ~6% स्टांप ड्यूटी

  • पुरुषों के लिए: ~8%

  • संयुक्त खरीद (पुरुष+महिला): ~7%

1.10 करोड़ की प्रॉपर्टी पर स्टांप ड्यूटी लगभग 6.93 लाख रुपये हो सकती है। इसके अलावा, प्रोसेसिंग फी (0.2-0.35%), वकील की फीस (~3000 रुपये), और वैल्यूएटर फी (~3000 रुपये) भी देनी पड़ती है।

  • टिप: अपने राज्य की स्टांप ड्यूटी दरें पहले जांच लें।

6. प्रॉपर्टी की 13 साल की चेन

बैंक लोन देने से पहले प्रॉपर्टी की 13 साल की स्वामित्व चेन मांगता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रॉपर्टी विवाद-मुक्त है। उदाहरण के लिए, अगर प्रॉपर्टी 2018 में जारी हुई थी, तो 2018 से 2025 तक का रिकॉर्ड देना होगा।

  • उदाहरण: एक प्रॉपर्टी 2018 में पहले मालिक ने खरीदी, 2021 में दूसरे मालिक को बेची, और 2024 में आपने खरीदी। सभी रजिस्ट्रेशन कॉपी और फोटो रिकॉर्ड में होने चाहिए।

7. लोन स्वीकृति और मॉरगेज

रजिस्ट्रेशन के बाद, बैंक प्रॉपर्टी को मॉरगेज करता है। इसे परमिशन टू मॉरगेज (PTM) कहते हैं। प्रॉपर्टी तब तक बैंक के पास गिरवी रहती है, जब तक लोन पूरा नहीं चुक जाता।

8. टर्म इंश्योरेंस

बैंक अक्सर होम लोन के साथ टर्म इंश्योरेंस लेने की सलाह देता है, ताकि लोन की रिकवरी सुनिश्चित हो। लेकिन अगर आपके पास पहले से टर्म इंश्योरेंस है, तो इसे दोहराने की जरूरत नहीं। उदाहरण: एक व्यक्ति ने 2 साल का टर्म प्लान 10,000 रुपये में लिया, ताकि बैंक से बहस न हो।

  • टिप: साधारण और किफायती टर्म प्लान चुनें, और निवेश के लालच में न पड़ें।

होम लोन की ब्याज दरें और रिपो रेट

होम लोन की ब्याज दरें रिपो रेट + स्प्रेड के आधार पर तय होती हैं। उदाहरण के लिए:

  • रिपो रेट: RBI द्वारा तय, वर्तमान में 5.5% (जुलाई 2025)।

  • स्प्रेड: बैंक का मुनाफा, आमतौर पर 2-2.5%।

  • कुल ब्याज दर = 7.5-8% (सरकारी बैंक) या 7.9-8.35% (निजी बैंक)।

महत्वपूर्ण:

  • अगर RBI रिपो रेट कम करता है, तो आपकी ब्याज दर भी कम हो सकती है। उदाहरण: 8.85% से 8.35% और फिर 7.85%।

  • बैंक खुद ब्याज दर कम नहीं करते। आपको कस्टमर केयर या बैंक के एमडी को ईमेल करना पड़ सकता है।

  • अगर ब्याज दर नहीं कम होती, तो बैलेंस ट्रांसफर (BT) का विकल्प चुनें, यानी लोन को कम ब्याज वाले बैंक में ट्रांसफर करें।

लोन टू वैल्यू (LTV) अनुपात

बैंक प्रॉपर्टी की कीमत के आधार पर लोन देता है:

  • 0-30 लाख: 90% तक लोन, 10% डाउन पेमेंट।

  • 30-75 लाख: 80% तक लोन, 20% डाउन पेमेंट।

  • 75 लाख से ज्यादा: 75% तक लोन, 25% डाउन पेमेंट।

उदाहरण: 1.10 करोड़ की प्रॉपर्टी पर 75% लोन (68.90 लाख) और 25% डाउन पेमेंट (41.10 लाख)।

ब्याज दर कम होने पर क्या करें?

जब ब्याज दर कम हो, तो आपके पास दो विकल्प होते हैं:

  • टेन्योर कम करें: ईएमआई वही रखें, लेकिन लोन की अवधि कम हो जाएगी (उदाहरण: 14 साल से 13.5 साल)।

  • ईएमआई कम करें: टेन्योर वही रखें, लेकिन ईएमआई कम हो जाएगी (उदाहरण: 1 लाख से 95,000 रुपये)।

  • टिप: हमेशा टेन्योर कम करने का विकल्प चुनें, ताकि लोन जल्दी खत्म हो।

प्रॉपर्टी खरीदने के अतिरिक्त टिप्स

  • वकील और वैल्यूएटर: बैंक का वकील प्रॉपर्टी की जांच करता है, और वैल्यूएटर उसकी मार्केट वैल्यू तय करता है। यह धोखाधड़ी से बचाता है।

  • बजट प्लानिंग: प्रॉपर्टी की कीमत के अलावा स्टांप ड्यूटी, प्रोसेसिंग फी, और अन्य खर्चों के लिए 6-8% अतिरिक्त बजट रखें।

  • 13 साल की चेन: हमेशा प्रॉपर्टी की पूरी स्वामित्व हिस्ट्री जांचें।

  • बैलेंस ट्रांसफर: अगर ब्याज दर ज्यादा है, तो दूसरे बैंक में लोन ट्रांसफर करने पर विचार करें।


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निष्कर्ष

होम लोन लेना और प्रॉपर्टी खरीदना एक सुनहरा मौका है, लेकिन इसके लिए सही जानकारी और सावधानी जरूरी है। अपनी फाइनेंशियल स्थिति, क्रेडिट स्कोर, और प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच करें। ब्याज दरों पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर बैंक से बात करें। Robin Talks Finance आपको ऐसी ही उपयोगी जानकारी देता रहेगा, ताकि आपकी फाइनेंस हेल्थ हमेशा मजबूत रहे।

कॉल टू एक्शन: क्या आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं? आज ही अपनी योग्यता जांचें और सही बैंक चुनें। अधिक फाइनेंशियल टिप्स के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर हमारे अन्य लेख पढ़ें।

How to Get a Home Loan in 2025 FAQs

प्रश्न 1: होम लोन क्या होता है और इसकी जरूरत क्यों पड़ती है?

उत्तर: होम लोन एक ऐसा लोन है जो बैंक या वित्तीय संस्थान आपको घर, फ्लैट या प्लॉट खरीदने के लिए देते हैं। यह प्रॉपर्टी की कीमत का 75-90% तक कवर करता है, जिससे आप बड़े निवेश को छोटी ईएमआई में चुका सकते हैं। बैंक प्रॉपर्टी की कानूनी जांच भी करता है, जिससे धोखाधड़ी का खतरा कम हो जाता है।

प्रश्न 2: होम लोन के लिए क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए?

उत्तर: बेहतर ब्याज दर पर होम लोन पाने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर 750+ होना चाहिए। स्कोर जितना ज्यादा होगा, लोन की स्वीकृति और शर्तें उतनी ही बेहतर मिलेंगी।

प्रश्न 3: बयाना (Agreement to Sell) क्या है और इसे किस तरह करना चाहिए?

उत्तर: बयाना प्रॉपर्टी की डील कन्फर्म करने के लिए दी जाने वाली अग्रिम रकम होती है, जो आमतौर पर प्रॉपर्टी कीमत का लगभग 25% होती है। यह हमेशा 4000 रुपये के स्टांप पेपर पर करना चाहिए, क्योंकि 100 रुपये का स्टांप पेपर कोर्ट में मान्य नहीं हो सकता।

प्रश्न 4: स्टांप ड्यूटी कितनी होती है और यह किस पर निर्भर करती है?

उत्तर: स्टांप ड्यूटी दरें राज्य के नियमों पर निर्भर करती हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब में यह महिलाओं के लिए लगभग 6%, पुरुषों के लिए 8% और संयुक्त खरीद में 7% होती है। इसके अलावा प्रोसेसिंग फी, वकील की फीस और वैल्यूएटर फी भी देनी पड़ती है।

प्रश्न 5: बैंक प्रॉपर्टी के लिए 13 साल की चेन क्यों मांगता है?

उत्तर: बैंक लोन देने से पहले यह सुनिश्चित करता है कि प्रॉपर्टी विवाद-मुक्त है। इसके लिए पिछले 13 सालों का स्वामित्व रिकॉर्ड यानी "13 साल की चेन" मांगी जाती है, जिससे मालिकाना हक की पुष्टि हो सके।

प्रश्न 6: ब्याज दर कम होने पर क्या करना चाहिए — EMI कम करें या टेन्योर?

उत्तर: अगर ब्याज दर कम हो जाए तो EMI कम करने के बजाय टेन्योर घटाना बेहतर है। इससे लोन जल्दी खत्म होगा और कुल ब्याज की बचत भी होगी।

प्रश्न 7: लोन टू वैल्यू (LTV) अनुपात क्या है और यह कैसे तय होता है?

उत्तर: LTV अनुपात से पता चलता है कि प्रॉपर्टी की कीमत का कितना हिस्सा बैंक लोन देगा। उदाहरण के लिए:

0-30 लाख: 90% लोन

30-75 लाख: 80% लोन

75 लाख से ज्यादा: 75% लोन होम लोन क्विज़

🏠 होम लोन क्विज़ ⏳

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होम लोन आमतौर पर प्रॉपर्टी की कीमत का कितना प्रतिशत तक कवर करता है?

50-60%
75-90%
95-100%
60-70%
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बेहतर ब्याज दर पर होम लोन पाने के लिए न्यूनतम क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए?

700
650
750
800
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बयाना किस स्टांप पेपर पर करना सबसे सही माना जाता है?

₹100
₹2000
₹4000
₹500
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पंजाब में पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी दर लगभग कितनी होती है?

5%
7%
8%
9%
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बैंक लोन से पहले 13 साल की चेन क्यों जांचता है?

स्टांप ड्यूटी तय करने के लिए
ब्याज दर पता करने के लिए
प्रॉपर्टी विवाद-मुक्त है या नहीं, यह जानने के लिए
EMI कैलकुलेट करने के लिए
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LTV अनुपात में 30 से 75 लाख कीमत वाली प्रॉपर्टी पर बैंक कितना प्रतिशत लोन देता है?

90%
80%
75%
85%
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RBI का रिपो रेट अगर कम हो जाए तो आपके होम लोन की ब्याज दर पर क्या असर हो सकता है?

ब्याज दर बढ़ सकती है
ब्याज दर घट सकती है
ब्याज दर हमेशा समान रहती है
ब्याज दर दोगुनी हो जाती है
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अगर ब्याज दर कम हो जाए तो EMI घटाने के बजाय कौन-सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद है?

EMI बढ़ाना
टेन्योर घटाना
ब्याज दर बढ़ाना
प्रोसेसिंग फीस कम करना
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‘परमिशन टू मॉरगेज’ (PTM) का मतलब क्या है?

घर का पोज़ेशन लेना
बैंक के पास प्रॉपर्टी गिरवी रखना
EMI का पहला भुगतान करना
स्टांप ड्यूटी भरना
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होम लोन प्रोसेस में वकील और वैल्यूएटर की भूमिका क्या होती है?

EMI तय करना
प्रॉपर्टी की कानूनी और मूल्य जांच करना
टोकन मनी जमा करना
लोन स्वीकृति पत्र लिखना


Source:- ICICI Bank

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। होम लोन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और सभी दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच करें। Robin Talks Finance किसी भी वित्तीय निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

ABOUT THE AUTHOR

Robin Singh is a personal finance enthusiast with 5 years of experience in stock markets, loans, and insurance. Through Robin Talks Finance, he shares practical tips to help Indians make informed financial decisions. His insights come from hands-on experience and research from trusted sources like SEBI and RBI. Disclaimer: This content is for informational purposes only, not financial advice. Contact: inquiryrobinsingh@gmail.com

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